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एक अजीब सा नाता

By Akansha Gendre


न जाने क्या है तुम्हारी बातों में ऐसा 

जो गुम हो जाते है उनमें हम, 

जबसे तुम्हारे आवाज़ की धुन सुनी है 

खोए-खोए से रहते है हम ।


खुली आँखों से सपने देखने की आदत नहीं पर अब वो भी करते है हम,

तुम एक बार अपनी ओर बुलाकर तो देखो 

सब कुछ छोड़-छाड़ कर आजाएंगे हम ।


न चाहते हुए भी खींची चली आती हूँ तुम्हारे पास 

ऐसा क्या जादू किया है तुमने ?

क्या ये सिर्फ इस जन्म की बात है ? 

या कभी किसी और जन्म में भी थे हम एक दूसरे के ।


By Akansha Gendre

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