By Karan Handa
करीब मेरे जो तुम रहो
तो मिट जाएँ ग़म
जो ज़िन्दगी को हैं
जो दिल है मेरा,
है इक आइना,
जो अँधेरे मै है
कोई ऐसा तुम एहसास दो,
अंधेरों को इश्क सिखा दो,
हो रौशनी हर घड़ी
करीब मेरे जो तुम रहो
तो मिट जाएँ ग़म
जो ज़िन्दगी को हैं
जो दिल है मेरा,
है इक आइना,
जो अँधेरे मै है !
हर दम मेरे संग मेरे यार रहो,
यूँ लम्हा-लम्हा ना बर्बाद करो
आओ कि मुझसे प्यार करो,
बनो कातिल मेरे,
दिल पे मेरे वार करो,
करीब मेरे,
जो तुम रहो,
तो मिट जाएँ ग़म,
जो ज़िन्दगी को हैं !
By Karan Handa
Comentários