By Ayushmaan Vashishth
कल वापस जाना है
अब तो निकल गए जो घर से, हर शहर अनजाना है
लौट के वापस कितना भी आ जाओ, वह अब वह जगह किसी और का ठिकाना है,
थक गए सोचते-सोचते कि कहाँ जगह मिलेगी अब इस दुनिया में,
कहीं नहीं मिलेगी, अब हर जगह को बस अपना बनाना है,
कल वापस जाना है,
इस बार कुछ नए अंदाज़ में सबको अपनाना है
खुदको बस कुछ बनके दिखाना है
कलवापसजानाहै...
By Ayushmaan Vashishth
Aayu ke liye poora
🤌🤌🤌🤌
This is soo relatable!!!
Wuhhuuu, lessgo Ayushmaan!❤️🥳
bhai 💯🔥