By Dr Shivani Goel
आज बेटी ने कहा - मां कविता पे कविता लिखो,
क्या किया करते हैं कवि, इस बात की चर्चा करो।
सोचा तो पाया कि यह तो मुश्किल काम मिला ,
कविता पे ही कविता लिखने का ख़याल मिला।|
फिर ध्यान से गौर किया तो पाया,
कविता बाद में, पहले शीर्षक ही आया।
कविता में क्या हैं राज़ छुपा ,
प्रस्तुत करने का अवसर आया।|
कवि ने अपने मन के भावों को,
क्रम-बद्ध और लय- बद्ध किया।
एक विषय के विभिन्न पहलुओं को,
अपनी कविता में व्यक्त किया।|
अपनी कविता हर कवि को भाई,
बार-बार उसने सबको सुनाई।
सबको समझ बराबर आयी,
यह बिल्कुल ज़रूरी नहीं हैं भाई||
जिसकी कविता ने सराहना पाई,
हुई उसकी हौंसला अफ़ज़ाई।
फिर उसने नए विषयों पर,
लिखकर अपनी प्रतिभा दिखाई।।
प्रसिद्ध कवियों की कवितायें बनी,
हमारे जीवन का अभिन्न अंग भाई।
घर-घर उनकी पुस्तकें पहुंचीं,
प्रेरणा और खुशियां उन्हें पढ़कर छाईं।।
वाल्मीकि, बाबा फरीद, संत कबीर,
सबकी वाणी कविता रूप में आई।
थोड़े से लय- बद्ध शब्दों में,
गागर में सागर भर मार्गदर्शक बन आईं।।
रविन्दरनाथ टैगोर, अटल बिहारी वाजपेयी,
कितने मधुर कवि थे भाई।
उनकी रचनाओं की पढ़कर,
नई युवा पीढ़ी ने प्रेरणा पाई।।
कविता का तो हैं यही मर्म,
बड़ी बात को छोटे में बताया।
लम्बी कहानी जैसे बोर न करे,
कविता ने हमारा समय बचाया।।
कविता सबके बस की बात नहीं है,
कहानी, लेख तो हर कोई लिख पाता।
कविता लिखने की जांच उसको बढ़ी,
जो दूसरों की कविता, सुनता और सुनाता।।
आईये कवियों का हौंसला बढ़ाएं,
काव्य धारा के प्रवाह में बह जाएँ।
रच पाएं उच्च श्रेणी की कवितायें,
माँ शारदा से यह आशीर्वाद पाएं।।
By Dr Shivani Goel
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