By Aakrati Garg
खोई खोई सी रहती हूँ,
अपनी धुन में रहती हूँ।
ये बात कोई बतला दे,
इसका कारण है क्या?
सेहमी सेहमी सी रहती हूँ,
खुद पर ही शक करती हूँ।
ये बात कोई बतला दे,
इसका कारण है क्या?
बेवजह बिदकती हूँ,
फिर बैठी खुद में सोचती हूँ।
ये बात कोई बतला दे,
इसका कारण है क्या?
सवाल में ही जवाब है,
जवाब में ही सवाल।
ये बात कोई बतला दे,
इसका कारण है क्या?
ठीक ऐसे ही,
हर समस्या में समाधान है,
लेकिन फिर समाधान का क्या सार है?
ये बात कोई बतला दे,
इसका कारण है क्या?
By Aakrati Garg
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