By Harsh Chaudhary
मंज़िल से अब भी दूरी है,
सपनों की राह अभी अधूरी है।
अगर हार भी गए हो तो क्या हुआ,
एक और कोशिश तो जरूरी है।
अगर गिर भी गए हो तो क्या हुआ,
गिरने से ही रास्ते बनते हैं,उठना तो जरूरी है।
अगर ठोकरें मिली हैं,
तो सबक भी मिलना जरूरी है।
अगर हिम्मत हार भी जाओ कभी,
फिर से खुद को उठाना जरूरी है।
हार और जीत तो खेल हैं वक्त के,
मगर तुम्हारे इरादों की जीत जरूरी है।
चलते रहो, रुको नहीं,
हर हार के बाद एक नई शुरुआत जरूरी है।
अगर हार भी गए हो तो क्या हुआ,
एक और कोशिश तो जरूरी है।
By Harsh Chaudhary
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