May 12, 20231 min readखुद का साथ Rated 0 out of 5 stars.No ratings yetBy Arati Patil ख्वाहिशों में कुछ ऐसे बंध गए,अब फिरसे आज़ाद होना है.. किसीके चाहतों में फंसे दिल से,अब फिरसे खुदको चाहना है.. ख़ुद से हर दिन लढ़ते लढ़ते,अब खुद के लिए लेना है.. औरों का सहारा बनते हुए, अब खुदका भी साथ निभाना है.By Arati Patil
By Arati Patil ख्वाहिशों में कुछ ऐसे बंध गए,अब फिरसे आज़ाद होना है.. किसीके चाहतों में फंसे दिल से,अब फिरसे खुदको चाहना है.. ख़ुद से हर दिन लढ़ते लढ़ते,अब खुद के लिए लेना है.. औरों का सहारा बनते हुए, अब खुदका भी साथ निभाना है.By Arati Patil
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