By Ankita
ऐ जिंदगी गले लगा ले
पूरा नहीं तो थोड़ा अपना ले
कभी तो मौका दे हंसने का
जख्मो को कभी तो मरहम लगा दे
यूँ रोज नहीं गिरते है हम
अभी अभी गिरे है
ज़रा उठा ले
कभी तो आ बैठ रूबरू
तुझे मना लूँ
मैं तुझे फिर से करलूं शुरू
कुछ मरम्मत करूं
कुछ जोड़ लूँ
कुछ छोड़ दूँ
कुछ मांग लूँ
थोड़ा जान लूँ तुझे
तू भी अपना ले मुझे
जन्नते नहीं मांगी मेने
बस जीना सीखा दे
ऐ ज़िंदगी गले लगा ले।
By Ankita
Bahot badhiya 👌