By Dr Shivani Goel
जब से हम ने है होश संभाला सब ने हमें कुछ-कुछ सिखाया।।
कैसे करते है प्यार सत्कार, माँ-बाप बड़े भाई-बहन रिश्तेदारों ने बताया।।
स्कूल कॉलेज जब हम गए , तो सारा ज्ञान हम ने गुरुओं से पाया।।
योगा टीचर ने रोज़ कसरत करवा कर, हमें अच्छी सेहत का उपहार दिलवाया।।
म्यूजिक टीचर ने हमारे बेसुरे रागों को, ढूंढ कर हमें है बताया।।
कैसे है सुधारना उन को, रियाज़ से हमें सुरीला है/ बनाया।।
आर्ट टीचर ने हमें कमियां बता कर, पेंटिंग में परपक्व करवाया।।
इंग्लिश टीचर ने गलतियां बता कर, हमें इंग्लिश में प्रवीण बनाया।
हिंदी टीचर ने याद करवा कर, साहित्य काव्य से परिचय कराया।।
हर एक टीचर ने मेहनत कर के , हमें ज़ीरो से हीरो है बनाया||
टीचर ने सब को एक सा पढ़ाया। किसी को 100%, किसी को 40% ही समझ आया।।
गलत लिख कर परीक्षा में, हमने टीचर का भी दिल दुखाया।।
लेकिन पर्दा डाल कर खुद की गलती पर, हमने टीचर में दोष निकाला।।
टीचिंग स्टाइल को लेकर हम ने, कई टीचर्स का मज़ाक बनाया।
टीचर का मकसद है नि-स्वार्थ , ये हमने कभी-कभी है भुलाया।।
गुस्सा कर के टीचर ने अपना बी पी बढ़ा कर, हमें सही रास्ता दिखाया।।
प्यार वाले टीचर ने ज्ञान और स्नेह से हमारा हौंसला भी बढ़ाया।।
जितना ज्ञान भो हो मिला हो किसी गुरु से, उस ने हमारा अंधकार मिटाया।।
जो बिना शक माने गुरु की बात, वही सच्ची गुरु दक्षिणा दे पाया।।
By Dr Shivani Goel
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