May 7, 20231 min readज़ख़्म दिल केRated 0 out of 5 stars.No ratings yetBy Nalini Choudharyपलटकर वो ज़माना अब आता नहींकभी हमारे लफ़्ज़ क़हर भरते थे उन परआज वो ख़ैर पूछने आते नहींअशार लिख लिख कर भी आता मनन को सुकून नहींज़ख़्म दिल के कितने गहरे ही सहीपर आईने को भी हम दिखाते नहींBy Nalini Choudhary
By Nalini Choudharyपलटकर वो ज़माना अब आता नहींकभी हमारे लफ़्ज़ क़हर भरते थे उन परआज वो ख़ैर पूछने आते नहींअशार लिख लिख कर भी आता मनन को सुकून नहींज़ख़्म दिल के कितने गहरे ही सहीपर आईने को भी हम दिखाते नहींBy Nalini Choudhary
Shayari-3By Vaishali Bhadauriya वो हमसे कहते थे आपके बिना हम रह नहीं सकते और आज उन्हें हमारे साथ सांस लेने में भी तकलीफ़ होती...
Shayari-2By Vaishali Bhadauriya उनके बिन रोते भी हैं खुदा मेरी हर दुआ में उनके कुछ सजदे भी हैं वो तो चले गए हमें हमारे हाल पर छोड़ कर पर आज भी...
Shayari-1By Vaishali Bhadauriya इतना रंग तो कुदरत भी नहीं बदलता जितनी उसने अपनी फितरत बदल दी है भले ही वो बेवफा निकला हो पर उसने मेरी किस्मत बदल...
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