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जिंदगी

Updated: Apr 5, 2024

By Avaneesh Singh Rathore


जिंदगी एक युद्ध है

प्रतिशोध से युक्त है

ज्वाला अहंकार की

हाड़ मांस उपयुक्त है


भभक रही है रात दिन

कण कण सुलग रहे

अहम वहम में जी रहे

जन मन भी दहक रहे


जिंदगी तो चक्रव्यूह

तू बन अब अभिमन्यु

भेद दे सब तू सब चक्र

हुंकार भर और जीत ले


सामने हो ब्रह्मास्त्र

और तू हार गया

तो सोच तू ही दधिच है

तुझसे ही तो बना है अस्त्र



सामने खड़ी भीड़ है

तू अकेला प्रचंड खड़ा

दहाड़ जहां तक वाणी जाए

जीत वहां तक सूरवीर है तू


किस आरंभ की तलाश तूझे

किस ज्ञान का आभास तुझे

तू ही तो कर्म मानस है

तू ही एक सर्व शक्तिमान है


झुंड में हो खड़े सभी

तू अकेला लड़ भिड़े

जहां तेरा रौद्र रूप

काल भी वहां थमे


जिंदगी एक युद्ध है

तू लड़े और तू जीते

सामने तो कमजोर सब

सिर्फ तू सर्व शक्तिमान है


By Avaneesh Singh Rathore




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