By Bushra Benazir
ये दुनिया फरेबों का मेला है
हर जगह यहाँ बङा झमेला है
फरेबों के इस मेले की हर दुकान पर
झूठ और धोखा बिकता है
मै जिस जिस दुकान पर गई
सच को एक पुरानी सी अलमारी में
पड़ा पाया
जब मैने उसका दाम पूछा
दुकानदार झट से बोला
क्या किजियेगा
इतनी सस्ती चीज़ लेकर
कब से पड़ी सड़ रही है
इसे आजकल कोई नही खरिदता
एक और जो उसने इशारा किया ये ले जाइये ये आजकल बहुत बिक रहा है नज़रे घुमाकर जो मैने उस ओर देखा चमचमाता झूठ शीशे की अलमारियों से झाँक रहा था
By Bushra Benazir
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