By Bushra Benazir
जब जब आँख में कोहरा उतरा
तब तब तुमने नमी सोखी आँखों की
और हर बार मैने तुम्हें फ़ैक दिया
जाने कितनी बार
मेरे डबडबाये अशक़ो को
तुम चुपचाप पी गये
और मैने क़दर न की तुम्हारी
तुमसे मेरा दर्द का रिशता है तुम सदा साथ रहे मेरी पॉकेट में जब दर्द उमङ आया तुम्हें निकाल लिया मेरे टिशु पेपर तुम बोहत अच्छे हो आज बैठे बैठे बस यूहीं तुम्हारा ख़्याल आया सोचा जो अश्क़ों का भागीदार रहा सदा उस पर कुछ लिख़ूं और उतार दूँ क़र्ज़ तुम्हारा जो बेरसों से मुझ पर चढ़ता रहा है सुनो मेरे टिशु पेपर "थैक्यू"
By Bushra Benazir
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