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डर लगता है

By Ameera Baga


मत आओ करीब मेरे,

तुमसे बिछड़ने से डर लगता है।


मत करो बातें मुझसे,

रह जायेंगी बस यादें।


मत बढ़ाओ कदम मेरी तरफ,

तुम्हारे वापस मुड़ने से डर लगता है।


मत सोचो इतना मेरे बारे में,

आखिर में बस ख्वाबों में होगी मुलाक़ात।


मत करो इतनी परवाह मेरी,

तुम्हारी आदत होने से डर लगता है।


मत मुझसे आँखें मिलाओ,

अंत में इन आँखों को देखेंगे तरसेंगे हम।


मत सुनाओ मुझे आवाज़ तुम्हारी,

तुम्हारी खामोशी से डर लगता है।


मत रहो इतना मेरे साथ,

एक दिन तुम अनदेखा कर दोगे मुझे।


मत पकड़ो हाथ मेरा,

तुम्हारे हाथ छोड़ने से डर लगता है।


मत सुनो मेरे अल्फ़ाज़,

एक दिन मुझसे बात करने के लिए तड़पोगे।


मत करो इतना प्यार,

तुम्हारे प्यार की कमी से डर लगता है।


मत देखा करो मुझे,

एक दिन तरसना पड़ेगा तुम्हारी एक झलक के लिए।


मत करो वादे मुझसे,

तुम्हारे मुकरने से डर लगता है।


By Ameera Baga


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