top of page

तुम्हारा मिलना

By Pooja Kumari


तुम्हारा मिलना मेरे लिए सब कुछ पा लेने जैसा है।

जैसे खोई हुई मेरी वह हर चीज वापस आ गई हो।

जिसके लिए मैंने कभी खूब आंसू बहाएं थे।

सच ,जैसे मेरी ख़ामोशी को कोई आवाज़ मिल गई हो।

जैसे मेरी गुमनामी को कोई पहचान मिल गई हो।

तुम्हें पता है ,

तुम्हारा मिलना जीवन का पूर्ण अर्थ है।

सच, तुम्हारा मिलना सब कुछ पा लेने जैसा है।


By Pooja Kumari

0 views0 comments

Recent Posts

See All

स्त्रियों का ठगा जाना 

By Pooja Kumari समाज में उन स्त्रियों का ठगा जाना सदैव निश्चित है, जिन्होंने स्वयं को पूर्णत: समर्पण के लिए तैयार रखा। बिना यह जाने की...

‘कविता’ पे कविता

By Dr Shivani Goel आज बेटी ने कहा - मां कविता पे कविता लिखो, क्या किया करते हैं कवि, इस बात की चर्चा करो।  सोचा तो पाया कि यह तो मुश्किल ...

रविवार

By Kavita Batra कुछ तुझ सा हो, कुछ मुझ सा भी हो  । थोड़ा सा रॉब वाला, और थोड़ा सा खुशनुमा सा भी हो । पल जो मिलता नहीं कहीं,  वो तेरे जैसा...

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
bottom of page