By Anjaanehssas
तेरी उलफत में कुछ नही मिला,
जो मिला वो दर्द-ए-हिज्र मिला।
तेरी यादों में मै लहमो से मिला,
वही पल जिनसे तेरा साथ मिला।
तेरे फिराक में हर शकस तुझसे मिला,
तेरी आँखो के नशे में मैं मेहखाने से मिला।
वो रुठा तब मै नीले आसमां को मिला,
वो रूठके भी कहां अपनो से मिला।
तेरी यादें ना बरसे किसी से ना मिला,
बयां भी ना हो केसा दर्द-ए-हिज्र मिला।
मै तो तेरे ना मिलने की बेचेनी में मिला,
क्या फरक पड़ता कोन मुझसे मिला।
अन्धे कानून का केसा इन्साफ मिला,
सारा दर्द चलकर कमजोर को मिला।
अन्धेरा ना छा जाय जंग-ए-आग से मिला,
चाहत तुझे देखने की अंत भी ना मिला।
By Anjaanehssas
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