By Himanshu Angad Rai
दिन भर हसने के बाद रात में क्यों रोते हो,
अपने घर का पता याद रखो बार-बार क्यों खोते हो।
इस कायनात में जिसको ढूँढते हो मिलेगा तो नहीं,
तुम आशिक हो जनाब अपनी कलम क्यों छोड़ते हो।।
By Himanshu Angad Rai
By Himanshu Angad Rai
दिन भर हसने के बाद रात में क्यों रोते हो,
अपने घर का पता याद रखो बार-बार क्यों खोते हो।
इस कायनात में जिसको ढूँढते हो मिलेगा तो नहीं,
तुम आशिक हो जनाब अपनी कलम क्यों छोड़ते हो।।
By Himanshu Angad Rai
By Vaishali Bhadauriya वो हमसे कहते थे आपके बिना हम रह नहीं सकते और आज उन्हें हमारे साथ सांस लेने में भी तकलीफ़ होती...
By Vaishali Bhadauriya उनके बिन रोते भी हैं खुदा मेरी हर दुआ में उनके कुछ सजदे भी हैं वो तो चले गए हमें हमारे हाल पर छोड़ कर पर आज भी...
By Vaishali Bhadauriya इतना रंग तो कुदरत भी नहीं बदलता जितनी उसने अपनी फितरत बदल दी है भले ही वो बेवफा निकला हो पर उसने मेरी किस्मत बदल...
Nice