By Abhimanyu Bakshi
मेरे नाम का एक दीपक जगा लीजिए,
उसकी रोशनी से मेरी दुआएँ पा लीजिए।
सीने से लगाइए इस ख़त को,
इस ग़ज़ल से अपना दिल सजा लीजिए।
पुरानी यादें महफ़ूज़ रखिए दिल में,
खूबसूरत कुछ नई यादें बना लीजिए।
हम मेहमान बनकर आ न सके तो क्या,
ख़ातिरदारी फिर मिलने तक बचा लीजिए।
मुँह मीठा तो आप ख़ुद कर लेंगे अपना,
इस ग़ज़ल से ज़रा दिल बहला लीजिए।
देखिए आसमान में हो रही आतिश-बाज़ी,
और ग़म-ए-हिज्रां का ख़्याल भुला दीजिए।
कुछ सुकून मेरी यादों को मिल जाएगा,
ज़रा ख़ुशी से दिवाली मना लीजिए।।…
By Abhimanyu Bakshi
Always blessed