By Vansh Rahul Jaju
बातो-बातो में वो ऐसी बात कह गये,
की अब दोबारा बात ही नही होगी.
आसमान पर कर लिया हो जैसे काबू,
की अब वापस बरसात ही नही होगी.
उसी गली से गुजरेंगे हर रोज हम दोनो;
मगर पहले जैसी अब वो मुलाकात नही होगी !
दिल तो बहुत करेगा फिरभी तुमसे मिलनेका,
मगर दिमाग से अब ये खुराफत नहीं होगी !
हो गए जुदा हम तो, इतना प्यार करके भी;
फिर कौन है जो कहता कि इश्क की मात नहीं होगी ?
By Vansh Rahul Jaju
Very nice bro.. Keep it up💯
Wow.Such a lovely written poem.Keep writing.Best wishes for ur future writings and keep up this hobby forever.
Very nice keep it up !