By Neekhil Dedhia
इस धरती को अपनी मां का दर्जा देते है हम,
फिर भी उसके दामन से वस्तु का भंडार छीनते है हम ।
एक मां की तरह ही उसने हमें कभी इनकार ना किया,
पर उसका असर हर इंसान की तरह धरती मां पर भी हुआ ।
इस धरती के गर्भ में कई बीमारियों का सैलाब है उमड़ राहा,
प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, भूमंडलियां ऊष्मीकरण का आक्रोश है बढ़ राहा ।
अभी भी देर नहीं हुई है,और इस धरती को बीमारियों से मुक्त करने का प्रण लेते है हम,
और इस धरती को पेड़ पौधे लगाकर फिर से अपने सिरहाने बिठाकर अपनी मां का दर्जा देते है हम ।
By Neekhil Dedhia
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