Jan 31 min readनये क़लम का आगाज़।Rated 0 out of 5 stars.No ratings yetBy Deepti Krishna Naykodiनये कोरे कागज़ पे, नई पंक्तियों का होगा साज़। नई कल्पनाओं से भरा होगा, हर एक नया अल्फाज़। नये ख्वाबों से लिखे हुए नज़्म का होगा नया अंदाज़। सोच की नई परिभाषा से होगा, मेरे नये क़लम का आगाज़।By Deepti Krishna Naykodi
By Deepti Krishna Naykodiनये कोरे कागज़ पे, नई पंक्तियों का होगा साज़। नई कल्पनाओं से भरा होगा, हर एक नया अल्फाज़। नये ख्वाबों से लिखे हुए नज़्म का होगा नया अंदाज़। सोच की नई परिभाषा से होगा, मेरे नये क़लम का आगाज़।By Deepti Krishna Naykodi
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