By Nishant Patil
तुझे जाना है तोह जा, हम रोकने से रहे
ज़ख्म गहरा है तोह क्या, नादानी प्यार से रहे |
कुछ नहीं चाहिए तुमसे, और वह मेरे पास भी नहीं,
ज़िन्दगी मैंने बेइज़्ज़ती नहीं की थी, मुझ में ज़रा भी मिठास नहीं |
जागता राहू मैं तेरे लिए, ऐसी कोई रात नहीं,
रूबरू राहू तू मुझसे, ऐसी कोई बात नहीं |
खामखा भटकता रहू कही, ऐसा कोई रास्ता नहीं,
अगर कही दिख जाऊ मन तुम्हे, कह देना वह मैं नहीं |
और खुदसे क्या कहू, ऐसी कोई खता नहीं,
खुदको तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं |
By Nishant Patil
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