By Usha Lal
“नहीं नपुंसक कोई गाली “
नहीं नपुंसक कोई गाली
गाली वह पुरुषत्व है,
जो नारी को देह समझ
हरता उसका अस्तित्व है!
उसको क्यूँ पौरुष मानो
जो स्त्री का शोषण करता,
वीर्यहीन जो कहलाता,वो
बलात्कार तो नहीं करता!
वह नर जिसके होने भर से
कोई बच्ची महफ़ूज़ नहीं,
वह है मानवता पर कलंक
जीवित रहने के योग्य नहीं !
हे प्रभु जिन अंगों को तुमने प्रजनन करने की क्षमता दी, वे कर प्रयोग हत्या करते नारी की और मानवता की! बस और नहीं अब है सहना यह पाप यहाँ बर्बरता का, दो धरती से अस्तित्व मिटा इन नरपिशाच कापुरूषों का ! मणिपुर की बेटियाँ सुनें....! यह देश तुम्हारा दोषी है ! जो बचा नहीं पाया तुमको इन कामी कलुषित प्रेतों से!!
By Usha Lal
👏👏👏👏
💯💯
So true.!