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नारी तू तो सदा ही हारी

By Usha Lal


नारी तू तो सदा ही हारी !व्यर्थ ना जा खुद पर बलिहारी !

प्रथम नागरिक हो सकती है ,

अंतरिक्ष में उड़ सकती है,

उच्च शिखर पर चढ़

सकती है ,

पर तू केवल देह रहेगी 🥲

देह रहेगी तू बेचारी !



हर अवसर पर छली गयी है ,

महाभारत युग से अब तक तू

बार बार निवस्त्र हुई है 🥲

तेरी अस्मिता हर पल हारी🥲

क्रूर पशुओं ने अपनी कुंठा

तुझ पर ही हर बार उतारी!

भीष्म ,विदुर,धृतराष्ट्र ने सदा

चुप्पी रूपी सहमति धारी 🥲

तू किस भ्रम में है बेचारी ?

ना तू माँ ,ना बहन ,ना देवी

देह थी !है !और सदा रहेगी!

देह रहेगी तू बेचारी !!


By Usha Lal



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ਜੇ

9 Comments

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ARCHANA SRIVASTAVA
ARCHANA SRIVASTAVA
Sep 19, 2023
Rated 5 out of 5 stars.

Very nice 👍

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ARCHANA SRIVASTAVA
ARCHANA SRIVASTAVA
Sep 19, 2023
Rated 5 out of 5 stars.

Bबहुत

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Unknown member
Sep 19, 2023
Rated 5 out of 5 stars.

💯❤️

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rati asthana
rati asthana
Sep 16, 2023
Rated 5 out of 5 stars.

Bahut badhiya

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SHRABANI PAUL
SHRABANI PAUL
Sep 16, 2023
Rated 5 out of 5 stars.

Beautiful lines

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