By Gitanjali Devi
राम की जन्मभूमि है यह
कृष्ण की कर्मभूमि है यह
परसुराम की युद्धभूमि है यह
भारत हिन्दुओ की पावनभूमि है यह
महान ऋषियों की तपस्या है यह
वीरो के बलिदानो का फल है यह
बापू के सपनो का देश है यह
जगत जन्ननी है यह
यह महान भारत है
सीता की माँ है यह
गार्गी की विद्याभूमि है यह
भारत विश्वगुरु है यह
जहा हर धर्म का वास हो
हर भाषा का एक स्थान
जहा नालंदा जैसी विश्वविद्यालय हो
जहा संस्कृत जैसी भाषा हो
जहा चार वेदो की उत्पति हो
जहा गीता का सार हो
वो भूमि है यह
भारत हिन्दुओ की पावन भूमि है यह
सो अब हम इससे खोये क्यों
क्यों न अब हम इस सोये हुए भारत को जगाय
अपने पूर्वजो की पूंजी हम खुद ही बचाई
सोने की चिड़िया को आकाश में फिर एक बार उड़ाई
आसमान की बुलंदियों को छु के भी सर नतमस्तक कर झुकाई
चलो हम भारत को फिर एकबार महान बनाये
क्यूंकि यह देश महानो का है
यह देश भगवानो का है
क्यूंकि यह देश वसुधैव कुटुम्भकम पर आधारित है क्यूंकि
राम की जन्मभूमि है यह
कृष्ण की कर्मभूमि है यह
परशुराम की युद्धभूमि है यह
भारत हिन्दुओ की पावनभूमि है यह
By Gitanjali Devi
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