top of page

पास तेरे साथ तेरा

By Shivam Sarle


अब रुक गया है वक्त भी, तू दौड़ता किसके लिए!

जा रहा सब कुछ यूँ ही, कर जोड़ता किसके लिए!


तेरा साथ, अहसास, बातें, सब भुला दी जायेंगी।

नए लोग आने से कहानी अब नयी बन जायेंगी।।


शहर में उनके है तू अकेला, अकेला भटकता वहीं है!

राह देखता-बाट जोहता, पगला समझता नहीं है!


तू कुछ नहीं उनके लिए, पर तेरे लिए तू सब कुछ है।

तू है तेरा, पास तेरे साथ तेरा, तेरे लिए तू सब कुछ है।।


तू न समझा, तू न समझे, सब्र का तू बांध भर ले।

वक्त बस तू वक्त को दे, वक्त सारे घाव भर दे ।।


By Shivam Sarle


0 views0 comments

Recent Posts

See All

Visitor

Not A War

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
bottom of page