By Atul Kumar Saurabh
किसीको सोचने लगा है, उतावला सा होने लगा है मन
उनकी अंदाज मैं हम कुछ ऐसा खोए, अब कुछ कुछ दिल में होने लगा है
सुबह जागते ही खयाल आपका रात आंखे मूंदते भी खयाल आपका
इस कदर आप दिल में उतर आए हम सवार रहे खुद को आंखों में लिए ख्याल आपका |
कभी यादों की आसमान में खोया तो कभी झलकों की समुंदर मैं डूबा रहता ये मन
कुछ जादू ऐसा है इस पनाह की, छवि आपकी हर जगह दिखाता है ये मन |
उनके व्यक्तित्व को जानने की इच्छा रख उनके मन का मान रखने की चाह रख
निकलपड़ाहैयेदिलइश्ककेपथपरआगे, उनकेअरमानोंसेजुड़नेकाख्यालरख।
By Atul Kumar Saurabh
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