By Harsh Chaudhary
प्रेम एक मौन संवाद है,
इसका ना कर पाया कोई आज तक अनुवाद है।
दिल से दिल की बात कही जाती है,
बिन शब्दों के भी सब बातें सुन ली जाती है।
न भाषा का सहारा, न आवाज़ की दरकार,
फिर भी दिलों के बीच है अटूट प्यार।
कभी आँखों की चमक में नजर आता है,
तो कभी साँसों की लय में सरसराता है,
प्रेम अपने ही रंगों में ढलता है,
प्रेम बिना कुछ कहे ही हर पल कुछ ना कुछ कहता है।
ये मौन जो अधूरा सा है,
फिर भी हर एहसास से भरा सा है।
प्रेम का अनुवाद करना मुश्किल है,
क्योंकि प्रेम अनंत सा है।
By Harsh Chaudhary
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