By Maninder Singh
फिर वो लगती है एक शायरी सी
जब भी कहे इन दिनों
शहद सी मीठी जो तेरी आवाज जब भी
कहे मेरा नाम,
जो तू सुनाती मेरे दिल को कानों के द्वार मेरा नाम
फिर वो लगती है एक शायरी सी मेरे यार!
फिर वो लगती है एक शायरी सी
जब भी कहे इन दिनों
बह सी गयी एक बार फिर वो
बह गई वो खुशबू मेरे दिल में तेरे प्यार की
उन ठंडी हवाओं के संग
जब भी में किया करू तेरे साथ को याद
ओह, मेरे यार!
जब भी कहे इन दिनों
शहद सी मीठी जो तेरी आवाज जब भी
कहे मेरा नाम,
फिर वो लगती है एक शायरी सी
जब भी कहे इन दिनों
फिर लहरों सी मेरे दिल की भावनाएं छू लेंगी
छू लेंगी समुद्र किनारा सा दिल तेरा जो
पर देख देख उस जगह को
फिर करता ही जाओ खुद से ही बाते
ओह, मेरे यार!
और मेरे आँसु तुझे देख बताएंगे
मेरे दिल का हाल
फिर वो लगती है एक शायरी सी
जब भी कहे इन दिनों
By Maninder Singh
Very Nice
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Well
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Well done keep it up