By Sharjeel khan
वृद्ध आश्रम की वार्डेन ने तेज आवाज़ लगाई "शोभा दीदी जल्दी आओ आपके बेटे का फ़ोन आया है" शोभा को तो अपने कानो पे विश्वास ही नहीं हो रहा था के उसका बेटा उसे कभी फ़ोन भी कर सकता है . पति के स्वर्गवास के बाद कुछ दिन तो सब ठीक चला लेकिन फिर बेटा कुमार ,पुश्तेनी मकान अपने नाम करने की जिद्द करने लगा सो शोभा ने वो भी कर दिया बस थोड़े ही दिन में सब बदल गया इकलोता बेटा और बहु के व्यवहार में बहुत बदलाव आ गया , अब छोटी छोटी बातो के लिए उसे अपने बेटे और बहु की डाट सुन्नी पड़ती फिर कुछ समय बाद विदेश जाने के लिए पुश्तैनी मकान बेचा गया,फिर बहु ने बेटे को वृद्ध आश्रम का पता बता दिया और तब से शोभा ने इस आश्रम को ही अपना संसार बना लिया था पहले साल तो एक बार बेटा विदेश जाने से पहले मिलने भी आया था लेकिन पिछले पांच सालो से उसने कोई खबर ही नहीं ली थी.
बेटे के फ़ोन आने की ख़ुशी ने उसे मानो पागल सा कर दिया था नंगे पैर ही भागती हुई वार्डेन के कमरे पे पहुची और झट से फ़ोन उठा लिया 'हेल्लो' हेल्लो माँ में कुमार बोल रहा हु , केसी हो तुम ! सालो बाद बेटे की आवाज़ कान में पड़ते ही आँखों से आंसुओ की लड़ी बहने लगी
'में ठीक हु तू केसा है ' में भी ठीक हु माँ , माँ में और सपना चाहते हे की अब तू हमारे साथ ही रहे , हमें तेरी बहुत चिंता होती हे , तू सारी पुरानी बाते भूल जा , बस तयारी कर ले में कल तुझे लेने आरहा हु... शोभा के रूआसे गले से बड़ी मुश्किल से आवाज़ निकली 'बेटा मुझे तो पूरानी कोई बात याद नहीं, बहु केसी हे ? माँ वो भी ठीक है तुझे बहुत याद कर रही है, में कल तुझे लेने आरहा हु तू तैयार रहना, अच्छा माँ में अब फ़ोन रखता हु '
कुछ देर तो फ़ोन के रिसीवर को ही अपनी छाती से लगा के शोभा रोती रही फिर वार्डेन के सँभालने पर आंसू पोचती हुई बोली मेडम मेरा बेटा मुझे अपने साथ रखेगा वो मुझे लेने आने वाला हे . ये खबर आश्रम में फैलते ही शोभा को बधाई देने सारा आश्रम पहुच गया.
आखिर भगवान ने शोभा की सुन ही ली और उसके बेटे में बदलाव ला दिया .
बदलाव का कारण 10 दिन पहले हुआ था
दस दिन पहले :
बधाई हो कुमार आप बाप बनने वाले है, 'Thank you डॉक्टर' कहते हुए कुमार ने मुस्कुराते हुए सपना की तरफ देखा
डॉक्टर: लेकिन कुमार अब तुम्हे सपना का बहुत ध्यान रखना पड़ेगा क्युकी ये बहुत क्रिटिकल केस हे ऐसे केसों में ज़रा सी लापरवाही माँ और बच्चे के लिए जान लेवा हो सकती है , सबसे पहले तो तुम सपना को ऑफिस से छुट्टी दिलाओ और फिर एक आया का इंतज़ाम करो जो इसकी सुबह शाम देखभाल करे .
कुमार: लेकिन डॉक्टर आप तो जानते है इस शहर में आया मिलना कितना मुश्किल है और जो मिलती है वो बहुत ज़यादा पैसा मांगती है
फिर कुछ सोचते हुए कुमार ने सपना की तरफ मुस्कुराते हुए देखा और बोला 'ओके डॉक्टर आया का इंतज़ाम हो जायेगा'....
By Sharjeel khan
Very well written.
Touching Story