By Mogal Jilani
कई बरसो के बाद आज उनको देखा तो
उमडकर वो सारी बात याद आ गई
जो सोचा था मिलूंगा तो पूछूंगा किसीदिन
पर मिलते ही वो पूछ बैठी तुम कोन हो
और में ख़ामोश रह गया
कहे तो सकता था वो सारे सच मगर मैंने
उसकी मासूमियत को मुरझाना नही चाहा
कर तो सकता था सर-ए-बाज़ार मगर मैंने
उसकी बेवफायी को सरेआम करना नही चाहा
और में खामोश लौट गया...।
By Mogal Jilani
Nice 💯
Muje Bhin barso Ke Bad Esi Kavita Palme Ka Moka Mila Aap Ko Pal Kar 💐
Super
🥰
Very nice