By Shudhanshu Pandey
नमन करो इस मिट्टी पर बलिदान है जिन बलवानों का,
आजाद हमारा हिंद हुआ ये त्याग है वीर जवानों का,
भारत माँ की रक्षा में कितनों के तन से ख़ून बहे,
ना भूख लगी ना प्यास लगे वो भू रक्षा पर अड़े रहे
लहू लुहान जिस्म के संग भी वो अपना कर्तव्य ना भूले,
कोख हुई मां की सूनी अर्धांगिनियों के मांग धुले,
जाने कितने बच्चों के सर से बाप का साया छीन गया,
बिन मौसम बरसात घरों में दो नैनों से निकल गया।
By Shudhanshu Pandey
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