By Kavita Batra
मैं रहूँ सदा तेरा बनकर,
बस इतनी सी अर्ज़ी हमारी है ।
यह बेवजह गले लगना ,
और बातों का सिलसिला हमेशा जारी रहे ,
बस इतनी सी अर्ज़ी हमारी है ।
कहते हैं,
नीयत साफ और सच्ची हो तो ,
सजदे जहाँ करते हैं,
वहाँ से कभी खाली हाथ लौटा नहीं करते ,
बाकी मेरी जान मर्ज़ी तुम्हारी है ।
By Kavita Batra
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