By Jai Narayan
सर्वप्रथमं तु सर्वेषाङ्कृते नमो नमः
सामान्यतः हम कई स्थान, पुस्तक-ग्रन्थ व सज्जनों से सुनते रहते हैं कि.. "अच्छा सोचें, शुभ सोचें, नकारात्मक विचार स्वयं के अन्दर न लाकर सकारात्मक विचार लावें.. इससे सब अच्छा ही अच्छा होवेगा" इत्यादि!
किन्तु.. स्वयं को #निष्क्रिय बनाकर, क्या सिर्फ सकारात्मक सोच रखने भर से ही सबकुछ अच्छा/शुभ हो जावेगा ? नहीं न ?? बल्कि इसके लिए ये भी आवश्यक है तथानुसार कर्म-कोशिश करके स्वयं को #सक्रिय बनाया जावे! तब ही कुछ अच्छा हो सकता है, मात्र सोचने-भर से नहीं! चलिये इसीको हम एक अन्य दृष्टान्त व संस्कृतोक्त द्वारा समझते हैं -
एक भ्रमर घूमते-घूमते कमलपुष्प पर जा बैठा। वह रसपान कर ही रहा था कि.. सूर्यास्त हो गया जिससे कमलपुष्प बन्द हो गया। सर्वविदित है कि भ्रमर बाँस में छेद करके वहीं भीतर रहकर बच्चे उत्पन्न करता है किन्तु.. कमलपुष्प में बन्द हुआ भ्रमर विचार करता है कि इसको कैसे काटें, कैसे बाहर निकलें ?? आप विचार करो.. बाँस में छेद कर देने वाले भ्रमर के वास्ते कमल की पंखुड़ी काट देना, कोई मुश्किल काम तो नहीं! लेकिन, वह उससे खुशबू लेता है तो अब उसे काटे कैसे? अतः वह भ्रमर सोचता है:-
#रात्रिर्गमिष्यति_भविष्यति_सुप्रभातम्
#भास्वानुदेष्यति_हसिष्यति_पङ्कजश्री:।
#इत्थं_विचिन्तयति_कोशगते_द्विरेफे
#हा_हन्त_हन्त_नलिनीं_गज_उज्जहार।।
#रात्रिर्गमिष्यति_भविष्यति_सुप्रभातम् - रात चली जावेगी, बड़ा सुन्दर प्रभात होवेगा।
#भास्वानुदेष्यति_हसिष्यति_पङ्कजश्रीः - भगवान् सूर्यदेव उदय होंगे और यह कमल खिल जावेगा। (पंखुड़ियाँ खुल जावेगी!) फिर जहाँ मन करे वहाँ चले जावेंगे, सब ठीक हो जावेगा।
#इत्थं_विचिन्तयति_कोशगते_द्विरेफे - कमलदलों के अन्दर बैठा वो भ्रमर ऐसे ही विचार कर रहा है कि ये हो जावेगा, वो हो जावेगा।
#हा_हन्त_हन्त_नलिनीं_गज_उज्जहार - किन्तु.. इतने में ही एक हाथी वहाँ आता है और पानी पीकर अपनी सूँड से उस कमलनली को लपेटकर नष्ट कर देता है, साथ ही कमलदलों में स्थित भ्रमर का भी 'राम नाम सत्य' हो जाता है।
बिल्कुल ऐसे ही कई मनुष्य भी सोचते व कहते हैं कि.. ये करेंगे, वो करेंगे, ऐसे करेंगे, वैसे करेंगे। लेकिन करेंगे कब? कब करेंगे, कोई ये तो बताओ!
तो कहते हैं.. जब अच्छा समय आवेगा, तब करेंगे। मतलब वो ही 'रात्रिर्गमिष्यति भविष्यति सुप्रभातम्' वाला अच्छा समय आवेगा, तब करेंगे!
अजी, एक बात मन में गाँठ बांधकर सुनलो.. अच्छा समय आवेगा नहीं.. #लाना_पड़ेगा! स्वयं आपको, स्वयं हमें ही लाना होगा वो अच्छा समय।
एवमेव.. जिस प्रकार उस भ्रमर ने सबकुछ अच्छा व शुभ ही सोचा था, नकारात्मकता से अत्यन्त दूर.. लेकिन हुआ क्या? स्वयं को क्रियाशील नहीं बना पाया! मात्र #बी_पॉजिटिव वाला ठप्पा खुदपे लगाके बेफ़िक्र होकर बैठा रहा और बन गया ग्रास उस काल का....।
अतः कहने का अभिप्राय यही है कि.. सिर्फ 'Be Positive' का ठप्पा स्वयं पर लगाकर, बेफ़िक्र होना और आने वाले समय को अनदेखा करना.. मात्र स्वयं को धोखा देना ही है। एवं ज्ञात्वा महामानव: यथायोग्यं तथा कुरु।
"चल उठ कमर कस और छोड़ नींद अब #आंखों की!
लड़ी पिरो ले साहस में, तू अपनी इन #साँसों की!!"
By Jai Narayan
ladi ko tere muh me podege fir sans leta rahiyo
Tumhara acha samay aagya to enjoy karna. yaha kya kar rha h bsdk Post dal do, status lga lo, story lga lo, like chaiye comment chaiye. Pehle zoo ja vaha rahna apne sang walo ke sath aaram se. unke sath karna. or tappa bi lagwa lena tere chad me
Excellent
Very heart touching story
Nice thoughts!!