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मगर उसको पता नहीं

By Abhishek Sharma


कोई है जो उड़ाती नींद मेरी रातों की, मगर उसको पता नहीं;

कोई है जो चुराती चैन मेरा, मगर उसको पता नहीं;

कोई है जिसके होने से खुशी मिलती ना होने से मिलता दुःख, मगर उसको पता नहीं;

वोह हरदम रहती साथ मेरे धड़कती है दिल बनकर, मगर उसको पता नहीं;

यह जैसा भी बनता जा रहा हुं, खताएं सारी उसकी है, मगर उसको पता नहीं,,

मेरे मन की सुई अटक गई, खो गई उसकी छवियों में, मगर उसको पता नहीं,,



भगवान से इतना मांगा उसे, खबर सारे शहर को मिल गई , मगर उस बेखबर को खबर ही नहीं,,

रश्मे,पूजा,हवन, जप, तप सारे कर लिए, फिर भी उसको पाया नहीं,,

मर्यादाओं में रहकर इजहार कितनी बार कर लिया, मगर समझना चाहती ही नहीं,,

लोग कहते है लड़कियां इन बातों में आगे होती है, उसे सब पता है, वोह कहती मुझे कुछ पता ही नहीं,,

जाओ तुम मैंने मन में मान लिया, तुम लिखी ही नहीं किस्मत में मेरी मैंने अब यह जान लिया,

अब कह दिया खुद को मैंने परेशान ना करें तुमको कभी, क्योंकि हाल-ए-दिल मेरा, मजबूरियां, हालात तुम्हें तो

कुछ पता ही नहीं।


By Abhishek Sharma




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One side love me kuch na kehne ki tadap ko bahut ache se bataya h ,, owsm

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