top of page

महाभारत फिर ना आएगा

By Sanad Jhariya


ना काल को न्योता देके फिर महाभारत ऐसा आएगा,

जो कुरूक्षेत्र की रणभूमि में अनगिन लाश बिछाएगा।


ना गंगा–पुत्र भीष्म जैसा कोई जन्म यहां पे पाएगा,

इच्छा मृत्यु पाके जो मौत को नाच नचाएगा।


ना गुरु द्रोणाचार्य जैसा गुरु कोई बन पाएगा,

जो कौरवों और पांडवों के जैसी कौशलता की नीव बिछाएगा।


ना महात्मा विधुर जैसी नीति कोई सुनाएगा,

जो सलाहकार बनके पांडवो को हर खतरे से चेताएगा।


ना संजय जैसी कोई दिव्य दृष्टि यहाँ पे पाएगा,

जो राजा धृतराष्ट्र को महायुद्ध का हाल बताएगा।


ना सूर्यपुत्र कर्ण जैसा कोई दानवीर यहाँ पे आएगा,

जो अपना धर्म निभाकर कुंडल कवच दान दे जाएगा।


ना धर्मराज युधिष्ठिर जैसा भाला कोई चलाएगा,

बेईमानी होने पर भी जो सच का साथ निभाएगा।


ना गदाधारी भीम जैसी गदा कोई घुमाएगा,

जो प्रतिज्ञा के लिए दुर्योधन की जंघा को तोड़ जाएगा।



ना पार्थ अर्जुन जैसा कोई सटीक तीर बरसाएगा,

जो तेज़ घूमती मछली की आँखों को भेद जाएगा।


ना नकुल और सहदेव जैसी तलवारबाजी कोई दिखाएगा,

एक सौंदर्य के लिए मशहूर, दूजा ज्योतिषी में नाम कमाएगा।


ना अभिमन्यु जैसा साहस कभी कोई जुटा पाएगा,

जो अपनों के ही बनाए चक्रव्यूह में फंस जाएगा।


ना वासुदेव कृष्ण जैसा कोई सारथी रथ चलाएगा,

संसार को जो बहुमूल्य गीता उपदेश दे जाएगा।


आधुनिकता का भेष बनाकर जब कलि कहर बरपाएगा,

कृष्ण जन्म फिर से लेंगे, कल्कि नाम कहलाएगा।


By Sanad Jhariya




65 views0 comments

Recent Posts

See All

ਜੇ

ความคิดเห็น

ได้รับ 0 เต็ม 5 ดาว
ยังไม่มีการให้คะแนน

ให้คะแนน
bottom of page