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मेरा हाल पूछ लेना

Updated: Jan 18




By Naveen Kumar


कभी मिले जो मिले फुरसत, मेरा हाल पूछ लेना

सुन लूंगा कब्र से, मेरा हाल पूछ लेना

अश्क आंखों में आए, कोई अल्फ़ाज़ मिले न पाएं 

बस खड़े रहना मेरी कब्र पर, अनकहे अल्फ़ाज़ सुन लूंगा


मुद्दतो बाद आए हो यहां, यादों के दो फूल चढ़ा देना

महक जाएगा ये  घर मेरा, यादों के दो फूल चढ़ा देना

मुश्कुराना होगा मुश्किल  मगर मुश्कुरा देना

बस खड़े रहना मेरी कब्र पर, मैं फिर से तेरी मुस्कान देख लूंगा


कभी जो रातों में तुम्हें अकेलापन सता जाएं 

यादों के समन्दर में जब कश्ती डूब जाएं 

रात और दिन में कोई फर्क समझ न आए

बस खड़े रहना मेरी कब्र पर, मैं तेरी यादों से खुद को मिटा लूंगा 


By Naveen Kumar





 
 
 

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