By Gitanjali Devi
मुझे इस काली रात में
एक चाँद चाहिए
उस चाँद के साथ कई सितारे चाहिए
कुछ लम्हे चाहिए अपने लिए
कुछ हिसाब चाहिए इस खुदा से
मुझे इस काली रात में सितारे गिनने है
मुझे यह रात लमही चाहिए
मुझे थोड़ा सा टुकड़ा स्वराज चाहिए
अब रात ढलने को है
मुझे मेरे हिसाब नहीं मिले
सायद खुदा भी सो गए
मुझे इस काली रात में सितारे गिनने थे
अब वह सितारे भी मुझसे छूट गए
By Gitanjali Devi
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