By Sagarika Roy
मेरे शिव
सावन की बौछारों में,
रिमझिम फुहारों में ,
वर्षा की हर एक बूंद में ,
तुम्हीं तो हो __
मेरे शिव।
लहलहाते खेतों में,
गीली रेतो में,
मिट्टी की सोंधी खुशबू में ,
तुम्हीं तो हो __
मेरे शिव।
झूलों के आनंद में ,
विरहिन के भींगे नयनों में,
पंछियों के मधुर गायन में ,
तुम ही तो हो ___
मेरे शिव।
बच्चों की किलकारी में,
सृष्टि की चित्रकारी में,
चहुंओर हरियाली में,
तुम ही तो हो __
मेरे शिव।
घनघोर घटाओं में,
मनोहर छटाओं में ,
सावन के हर एक रंगों में,
तुम्हीं तो हो __
मेरे शिव।
उमंग , तरंग , सतरंग में,
प्रकृति के कण कण में,
मेरे रोम रोम में,
तुम्हीं तो हो __
मेरे शिव।
बस तुम्हीं हो मेरे शिव।।
By Sagarika Roy
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