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मेरे शिव

Updated: Jan 18


By Sagarika Roy


  मेरे शिव 

सावन की बौछारों में,

रिमझिम फुहारों में ,

वर्षा की हर एक बूंद में ,

तुम्हीं तो हो __

मेरे शिव।

लहलहाते खेतों में,

गीली रेतो में,

मिट्टी की सोंधी खुशबू में ,

तुम्हीं तो हो __

मेरे शिव।

झूलों के आनंद में ,

विरहिन के भींगे नयनों में,

पंछियों के मधुर गायन में ,

तुम ही तो हो ___

मेरे शिव।

बच्चों की किलकारी में,

सृष्टि की चित्रकारी में,

चहुंओर हरियाली में,

तुम ही तो हो __

मेरे शिव।

घनघोर घटाओं में,

मनोहर छटाओं में ,

सावन के हर एक रंगों में,

तुम्हीं तो हो __

मेरे शिव।

उमंग , तरंग , सतरंग में,

प्रकृति के कण कण में,

मेरे रोम रोम में,

तुम्हीं तो हो __

मेरे शिव।

बस तुम्हीं हो मेरे शिव।।


By Sagarika Roy



 
 
 

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