By Master Sarthayki Agarwal
मैं बच्चा हूँ, मेरे होंठों पे मुस्कान है, मोबाइल का आलंब नहीं, मेरे खुशियों के साथ है।
खेलों का जादू मुझे आकर्षित करता है, मिलकर दोस्तों के साथ हर दिन खेलता हूँ मैं।
जीवन के सफर में मैं खो जाता हूँ, मोबाइल की दुनिया में नहीं, बल्कि खुद को पाता हूँ।
ज्ञान की खोज में किताबों का साथ है, मोबाइल के झकझोर से, ज्ञान को अपनाता हूँ मैं।
सपनों का उड़ानभर कर देखना चाहता हूँ, मोबाइल की जगह, सपनों को पंख दिलाता हूँ।
माता-पिता की सलाह मैं मानता हूँ, मोबाइल के प्रभाव से, दूर ही रहता हूँ।
मैं बच्चा हूँ, मेरे हाथों में है भविष्य की कुंजी, मोबाइल का इस्तेमाल सोच-समझकर करता हूँ, हमेशा ध्यान देकर करता हूँ |
By Master Sarthayki Agarwal
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