By Kinshuk mishra
यूँ हर पल मुस्कुराना ,आसाँ तो नही
हर ख्वाइशों का मुक्कमल हो जाना ,आसाँ तो नही
बेशक़ ज़ख्म गहरे हैं इश्क़ के ,मग़र
जिससे किया उसे भुल जाना , आसाँ तो नही
और मान लिया कि वो मज़बूर होंगे ,यूँही
किसी का दिल दुखाना, आसाँ तो नही।
By Kinshuk mishra
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