By Sagarika Roy
राम नाम सत्य है
सारी उम्र बीत गई झूठ में ,
जब अंतिम यात्रा पर निकले ,
तब याद आया कि __
राम नाम सत्य है।
इस राम नाम की सत्यता को ,
जीवन में अगर अपना लेते ,
तो कबीर के बाद,
कबीर की जगह पा लेते ।
इस राम नाम की महत्ता को ,
कथनी और करनी में उतार लेते ,
तो तुलसी और सूर की तरह,
कईयों का जीवन संवार देते ।
हट, मूर्ख कहीं के ,
क्या सबने ,
सत्य का ठेका लिया हुआ है?
और,
असत्य का क्या _
अस्तित्वहीन वह,
क्या फेंका हुआ है ?
रावण के कारण ही ,
रामकथा संपूर्ण है ।
बिन कंस के ,
कृष्ण कथा भी अपूर्ण है।
दुर्योधन बिना क्या ,
महाभारत पूर्ण है ?
गांधी के अहिंसावाद को ,
हिटलर के फासीवाद के ,
प्रकाश में देखो तो,
ज्यादा समझ पाओगे ।
शास्त्रीजी की ईमानदारी ,
कूट राजनीतिज्ञों की कालाबाजारी,
तुलना कर देखो ,
तो समझ जाओगे ।
सत्य -असत्य , पूर्ण -अपूर्ण ,
प्रकाश - अंधकार , श्वेत - श्याम,
धर्म -अधर्म , पुण्य -पाप,
ये सारे विपरीतार्थक नहीं ,
एकदूसरे के पूरक हैं ।
बुरा है तो संघर्ष है ,
संघर्ष है तो जीवन है ,
जीवन है तो मृत्यु है ,
मृत्यु है तो अंत है ,
और __
अंतिम यात्रा का ,
अंतिम कथन है _
राम नाम सत्य है।
राम नाम सत्य है।।
By Sagarika Roy
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