By Ayushmaan Vashishth
रोज़ निकलेगी बात फूलों की,
रोज़ ठहरेगी रात अधूरों की।
सूरज की पहली किरण,
आज जलेगी लौ उजालों सी।
शाम के बादल बरस जाएंगे,
मिट्टी की खुशबू आएगी खयालों सी।
जब धुंधली चादर बिखरेगी,
तब चाँदनी रातें जगमगाएंगी हम निरालों की।
वो कहानी नई बात बोलेगी,
जबबातनिकलेगीउसकेआसमानोंकी।
By Ayushmaan Vashishth
Love this so much!!
Dammmmmnnnn🤌🤌🤌
It's soo good!!!!
Amazing Bhai !!
Amazing!