ललासा
- hashtagkalakar
- Jan 11
- 1 min read
Updated: Jan 18
By Chinmay Kakade
हम तो अपना मन बना कर बैठे थे
उसने आने में देर कर दी
अभी भी उम्मीद लगाए बैठे हैं क्या पता वह चाहे तो अभी दरवाजा खटखटाए
अभी भी डर सा लगता है क्या पता वह तो कभी अपना मुंह ही ना दिखाए
ज्यादा कुछ नहीं बस थोड़ी बातें कर लेते, थोड़ा हंस लेते, थोड़ा उसकी गोद में सो
लेते
इधर उधर की बातें कर के उसको भी पका कर सुला देते
अब तो ख्वाबों का सौदा भी ना रहा पहले जैसा
पहले रहते थे जिनमें अब तो दिखायी नहीं देते
बेगरज़ होकर मोहब्बत करना तो सिखाया दिया था उसने
आए ही ना अगर वो तो ये मोहब्बत बयां करें किसपे
By Chinmay Kakade
👌👌👌
इर्शाद
जबरदस्त! 👌👌👌
👌👌👍
😪💓