top of page

वह ज़मीन

By Ayushmaan Vashishth



रेत हवा से उड़ गई, आज वह ज़मीन भी बिक गई,

मैं और शहबाज़ खेलते थे जहाँ रोज़, वह खिलखिलाती चीखें आज सिमट गईं।


सामने मकान था मेरा, जीवन में कोई अंजाम ना था तब थेरा,

रोज़ सुबह नई सी होती थी, दोपहर में एक गेंद रोज़ खोती थी,

सामने जाते लोग देख के मुस्कुराते थे, हम भी पांव छू कर यूं चेचाहते थे।


जब सबसे बड़ा सवाल ज़िंदगी का यह होता था, शाम की चॉकलेट का जुगाड़ कैसे होगा,

इन खोए हुए कुछ पल का आज दीदार कैसे होगा?





आज जेब में पैसे लिए तो चलता हूँ, दुकान-छिचा की जो थी उससे बड़ी में फिरता हूँ,

सामने सौ तरह की चॉकलेट तो दिखती है, पर आज वैसा मन क्यों नहीं ढूंढ पाता हूँ?


आज वह रेत हवा से उड़ गयी, आज वह ज़मीन भी बिक गयी,

जहाँ रोज सुबह स्कूल जाने से पहले रोता था, बस इतना समझना चाहता था बारिश हो जाए और छुट्टी मिल जाए,

अब मैं नहीं हूँ वहाँ अब तो वह पेड़ भी बारिश में टूट गया, वह शायद इंतज़ार करता थक गया,

आजवहतहसीलकेसामनेकीसड़कभीपक्कीबनगयी, आजवहज़मीनभीबिकगयी...



By Ayushmaan Vashishth




19 views9 comments

Recent Posts

See All

The Guilty Night

By Sujain Banth The dark night is filled with fears , the sadness , the regrets only they can hear Them lying on the beds , their pillows...

Twingle

By Parth Shindhe Losing something cherished that wasn't ever mine is a war won without a soul lost. I just smile in disguise knowing...

Humanly

By Parth Shindhe They say, “The moon is beautiful, isn’t it?” But it has a scar Reminding that perfection is far So you don’t need to...

9 Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
Bhavya Dhamija
Bhavya Dhamija
May 21, 2023
Rated 5 out of 5 stars.

♥️♥️♥️♥️♥️

Like

Rated 5 out of 5 stars.

Reminder of childhood days 🔥🔥

Like

ASTHA SINGH
ASTHA SINGH
May 18, 2023
Rated 5 out of 5 stars.

Amazing yaar❤️❤️

Like

Irfan Nishthar
Irfan Nishthar
May 18, 2023
Rated 5 out of 5 stars.

❤️⚡️

Like

Unknown member
May 18, 2023

Great work Aayushman....

God bless you

Like
bottom of page