By Dr. Anil Chauhan "Veer"
वो देश जहाँ नारी महिमा, सदियों से गायी जाती है ।
द्रौपदी, गार्गी और सीता की, कथा सुनाई जाती है ।।
वो देश जहाँ के संस्कारों की, विश्व दुहाई देता है ।
वो देश जहाँ नारी हित में, तलवार उठाई जाती है ।।
उस देश की हालत देख के अब, नैनों से नीर टपकता है ।
अबला की लाज दिए जैसी, हर शाम जलायी जाती है ।।
निष्ठुर, निकृष्ट, निर्लज्ज पुरुष, हर द्वार पे पाए जाते हैं ।
हर रोज़ कोई मासूम कली, काँटों पे सुलाई जाती है ।।
इक कोख़ से लेकर जन्म, दूसरी कोख़ को डसता है निष्ठुर ।
एक बच्ची जनम से पहले यहाँ, सौ बार गिरायी जाती है ।।
अब और नहीं लिख सकता कुछ, धमनी में रक्त उबलता है ।
वो पीर है दिल में ‘वीर’ के अब ना कलम चलाई जाती है ।।
By Dr. Anil Chauhan "Veer"
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