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“शायरी“

By Dineshkumar Hirani





“शायरी“

लिखते लिखते मैं कोमा में चला गया,

खुद के लिए आश्चर्य बन गया,

लोगों के लिए कवेसचन मार्क बन गया,

चोराहे पर आकर देखा, मेरा स्मारक बन गया,



By Dineshkumar Hirani




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Nivi Hirani
Nivi Hirani
May 23, 2023
Rated 5 out of 5 stars.

Deep🙌🏻

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