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शायरी

By Mansi




धुएं में उड़ा दे ऐसी शख्सियत नहीं मेरी

जाम पीछे भूला दे ऐसी यादें नहीं मेरी

तू तो कहता था मोहब्बत नहीं है तुझसे

झुठ बयान कर रही है ये हालत तेरी ||


By Mansi




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