By Pankaj Pahwa
के यूं हर बात में शिकवे शिकायत आप करते हो,
कभी सोचा है, है वो देखता जब पाप करते हो,
कभी जब आ पड़े गर खुद पे तो आंसू निकलते हैं,
मुसीबत दूसरे की हो तो तुम मजाक करते हो,
ये लेखा जोखा सब बन्दे यहीं पे देखा जायेगा,
किया तेरा बुरा तुझपे ही वापस लौट आएगा,
ना कर ये ढोंग कह के खुद को ऐसा कुछ नहीं होता,
अगर ऐसा नही होता तू बारंबार क्यूं रोता,
लड़ाई बस इसी की है जो मैं से मैं में चलती है,
किसी की मैं जो मर जाए तो किस्मत चल निकलती है,
गिले भी फिर खतम होंगे शिकायत फिर नहीं होगी,
खुशी ज्यादा मिले या गम किफायत फिर नहीं होगी,
By Pankaj Pahwa
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