By Hemant Katyan
आज तुम इकॉनमी सी जटिल क्यों लग रही हो ?
क्यूंकि लोग मेरे तन को भूगोल समझते है
उनकी आँखें एक्स-रे मशीन बनकर मेरे शरीर को ऐसे निहारती है जैसे किसी मानचित्र को देख रही हो।
घर से निकलने के बाद ई-रिकशा से लेकर मेट्रो के सफर तक न जाने कितने हाथ कितनी तरह की मानसिकता से छू कर गुज़रते है।
तो तुम्हे उन्हें रोकना चाहिए, टोकना चाहिए
आखिर तुम २१ वी सदी की एक सशक्त लड़की हो, कोई इतिहास नहीं जिससे हर कोई छेड़छाड़ कर सके।
By Hemant Katyan
Comments