top of page

सामाजिक विवशता

By Hemant Katyan



आज तुम इकॉनमी सी जटिल क्यों लग रही हो ?

क्यूंकि लोग मेरे तन को भूगोल समझते है

उनकी आँखें एक्स-रे मशीन बनकर मेरे शरीर को ऐसे निहारती है जैसे किसी मानचित्र को देख रही हो।





घर से निकलने के बाद ई-रिकशा से लेकर मेट्रो के सफर तक न जाने कितने हाथ कितनी तरह की मानसिकता से छू कर गुज़रते है।

तो तुम्हे उन्हें रोकना चाहिए, टोकना चाहिए

आखिर तुम २१ वी सदी की एक सशक्त लड़की हो, कोई इतिहास नहीं जिससे हर कोई छेड़छाड़ कर सके।



By Hemant Katyan




3 views0 comments

Recent Posts

See All

Aanya's Grandpa

By Usha Sinha Aanya of 23 has come to home in her college vacation. She is a girl of  vibrant beauty with a sharp intellect . Her soft...

सपनों का सफर और एक मोड़

By Harsh Chaudhary यह कहानी है हर्षित की, जो एक सीधा-साधा और भावुक लड़का था। बचपन से ही उसकी दुनिया में सपनों का एक अलग ही महत्व था। उसके...

सपना

By Chanda Arya ‘ए’ और ‘बी’ दो दोस्त। ‘ए’ ने एक सपना देखा, खुली आँखों का सपना। उत्साह में भर ‘बी’ को बताया। दोनों प्रसन्न हो एक साथ...

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
bottom of page